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दर्प का अर्पण ..
केसै हो . .? दर्पण..!
ये दर्प भी तेरा…
ये अहं..और वहम भी तेरा..
मंजिल..राह..कदम तेरे..,
मेरा कर्ता भी तु…!
मेंरा अर्हता भी तु..!!
मेरा मुझ में कुछ नहीं. .
मुझ में शेष बस तु ही तु…!!!
दर्प का अर्पण ..
केसै हो . .? दर्पण..!
ये दर्प भी तेरा…
ये अहं..और वहम भी तेरा..
मंजिल..राह..कदम तेरे..,
मेरा कर्ता भी तु…!
मेंरा अर्हता भी तु..!!
मेरा मुझ में कुछ नहीं. .
मुझ में शेष बस तु ही तु…!!!